The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
The Basic Principles Of shiv chalisa lyricsl
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तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥
Shiv Chalisa is a “forty verse” prayer which praises the Lord and asks for his help in taking away hardships and road blocks in devotee’s existence.
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर। भये प्रसन्न दिए इच्छित वर॥
समझनी है जिंदगी तो पीछे देखो, जीनी है जिंदगी तो आगे देखो…।
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।
धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥
दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥
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सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम shiv chalisa in hindi दूत अतुलित बल धामा
कार्तिक श्याम और गणराऊ। या छवि को कहि जात न काऊ॥
सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥
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